मूत्र विकार के कुछ प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार। urine infection home remedies
मूत्र विकार (पेशाब) urine infection में कई तरह के रोग आते है यदि मूत्राशय में मूत्र इकट्ठा होने पर रुकावट पैदा होती है वह बाहर नहीं आता तो उसे मुत्रवरोध कहते हैं। नव युवतियों में मूत्राशय में बाहरी चीज का होना सूजाक या विकार अधेड़ उम्र की स्त्रियों में गर्भाशय में अर्बुद या फोड़ा रसोली आदि के कारण मूत्रमार्ग पर दबाव पड़ता है तथा पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ जाने के कारण मूत्राशय से मूत्र रुक जाता है ऐसी स्थिति को मूत्र विकार कहते हैं।
मूत्र विकार (पेशाब) के कुछ प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार।
- एक चम्मच आंवले के रस में आधा चम्मच हल्दी एक चम्मच शहद का सेवन करें 1 सप्ताह में मूत्र विकार खत्म हो जाएगा।
- रात को लोहे के बर्तन में 50 ग्राम मसूर की दाल पानी में भिगो दें, सुबह के शाम दाल का पानी घूंट – घूंट करके पिए।
- नाशपाती का रस नित्य पीने से कुछ दिनों में पेशाब की समस्त बीमारियां नष्ट हो जाती हैं।
- दो चम्मच पुदीने की चटनी वजन के साथ खाने से पेशाब संबंधी विकार खत्म हो जायेंगे।
- हरे धनिए के पत्तों का दो चम्मच का चक्कर रस में मिलाकर सेवन करें।
- चार चमच सौंफ रात को एक गिलास पानी में भिगो दें सुबह सौंफ को छानकर उसको पी जाएं।
- एक चम्मच मूली का रस तथा एक चम्मच सरगम का रस मिलाकर सेवन करें।
बार-बार पेशाब आने की दवा
- यदि बार-बार पेशाब आता हो तो पांच छे दाने कालीमिर्च चार पांच दाने मुनक्के तथा चार पांच दाने पिस्ते के लेकर सुबह-शाम सेवन करें
पेशाब खुलकर आने की दवा
- पेशाब खुलकर लगने के लिए आधा अंगूर का रस लगभग 7 दिन तक
- आधा कप ककड़ी का रस पीने से पेशाब खुलकर आती है
मूत्र विकार के कुछ आयुर्वेदिक उपचार
- चंद्रप्रभा वटी एक गोली सुबह शाम शीतल जल से लें
- लौकी का रस लाभदायक होता है उसका सेवन करें