Sunday, May 28, 2023
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एसिडिटी के कुछ घरेलू उपचार। Home Remedies for Acidity

एसिडिटी के घरेलू उपचार। home remedies for acidity and gas problem in hindi

मनुष्य के पेट में एसिडिटी की मात्रा बढ़ जाना कोई भयानक रोग नहीं है, लेकिन इसके परिणाम भयानक अवश्य सिद्ध होते हैं, जिनके कारण वह सदा के लिए रोगी बन जाता है। जो लोग परस्पर विरोधी प्रदार्थ, जैसे दूध और मछली या दूध और नमकीन या दूध और खट्टे पदार्थ या फलों के साथ तुरंत पानी या खट्टे और मीठे फलों का एक साथ सेवन करते हैं, या दूषित या खट्टे पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं उनको यह रोग हो जाता है। अधिक धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को भी यह रोग लग जाता है देखा जाए तो भोजन का ठीक से ना पचना, थकावट आना, पेट का भारी रहना डकारे आना, सिर दर्द, छाती गले में दर्द और पेट में जलन भोजन में अरुचि उल्टी होने पर हरा पीला नीला या लाल रंग का पित्त निकलना आदि acidity के प्रमुख लक्षण हैं।

आइए जानते हैं एसिडिटी के कुछ प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार।

सबसे पहले आंवले का रस एक चम्मच, चौथाई चम्मच भुने हुए जीरे का चूर्ण, मिश्री तथा आधा चम्मच धनिया का चूर्ण मिलाकर लेने से अम्लपित्त कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

एक गिलास पानी में आधे नींबू का रस छोड़कर पिए।

जीरे का चूर्ण आधा तोला गुड़ के साथ मिलाकर खाएं।

अदरक तथा धनिया धनिया बराबर की मात्रा में लेकर पानी के साथ सेवन करें।

भोजन के बाद लॉन्ग चूसे इससे एसिडिटी अम्लपित्त को नष्ट करती है।

प्याज के रस में नींबू निचोड़ कर सेवन करें, इससे पेट, छाती तथा पेशाब की जलन दूर होगी।

एक चमच जामुन का रस थोड़े से गुड़ के साथ ले।

पीपल के फलो को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें इसमें से 3 माशे चूर्ण खा के ठंडा पानी पी ले।

शहद में दो छुटकी हरण का चूर्ण मिलाकर सेवन करें।

सौ ग्राम अनारदाना, 50 ग्राम दालचीनी, २ लाल इलायची, 50 ग्राम तेजपत्ता, 100 ग्राम मिश्री, 10 ग्राम जीरा, 10 ग्राम धनिया के बीज इन सब को कूटकर पीसकर चूर्ण बना लें इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में सुबह दोपहर और शाम को ठंडे जल के साथ सेवन करें।

एसिडिटी के कुछ आयुर्वेदिक उपचार

त्रिफला (हरड़, बेहड़ा, और आंवला ) पीपल, जीरा, काली मिर्च, सबको बराबर की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण में से आधा चम्मच चूर्ण शहद के साथ सुबह- शाम को सेवन करें।

सोंठ, सोंचर नमक, भुनी हींग, अनारदाना, अमरबेल इन सबको बराबर की मात्रा में लेकर कूट पीसकर चूर्ण बना लें इस चूर्ण में से 2 चुटकी की सुबह व शाम के समय पानी के साथ सेवन करें।

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