5 Common Myths of Diabetes मधुमेह in Hindi
अगर बात की जाये एक बीमारी जो पुरे दुनिया के लोग इससे परेशान रहते है वह है blood sugar यानि की Diabetes (मधुमेह) जिसके प्रमुख 5 Common Myths of Diabetes की आज हम चर्चा करेंगे, आईडीएफ के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ भारत में 88 मिलियन से अधिक लोगों को शुगर की समस्या है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में सभी मौतों के 2 प्रतिशत के लिए मधुमेह जिम्मेदार है। इस तथ्य के बावजूद कि मधुमेह इतना व्यापक है, इसके कारणों, उपचारों के बारे में कई मिथक हैं और मधुमेह के साथ रहना आपके दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करता है। आये समझते है। तथा मधुमेह की जानकारी व्यापक रूप से सभी जगह उपलब्ध है, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और इंटरनेट से, लेकिन यह सब सच नहीं है।

मिथक 1 – कभी भी मधुमेह से रोगी मुक्त नहीं हो सकता
हमेशा हम समझते या फिर मानते है की मधुमेह रोगियों को अनिश्चित काल के लिए इंसुलिन या दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है। पर एक अच्छी तरह से संतुलित आहार, जीवन शैली में बदलाव, हर्बल उपचार, एक्सरसाइज और कुछ योग अभ्यास के साथ मधुमेह को निंयत्रण किया जा सकता है।
मिथक 2 – मधुमेह एक जेनटिक बीमारी है
बहुत से लोगोग का यह मानना है की Diabetes मधुमेह एक जेनटिक या वंशज की बीमारी जो की घर किसी बड़े सदस्य से आगे वाली पीढ़ी को होती है जी की पूरी तरह से सच नहीं है । जबकि टाइप 2 मधुमेह मोटापे बहार का ज्यादा खाना, व्यस्त जीवनशैली वे एक व्यक्ति के आहार, जीवन शैली और तनाव से सक्रिय से हो जाते है।
मिथक 3 – तीसरा मिथक शुगर मधुमेह का कारण है।
Diabetes मधुमेह रक्तप्रवाह में इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी के कारण होता है, बहुत अधिक चीनी खाने से नहीं। जबकि भोजन में उच्च शर्करा रक्त शर्करा को बढ़ाता है, अधिकांश मधुमेह रोगी वसा, एसिड / सूजन और दूध और दूध उत्पादों में पाए जाने वाले IGF अणुओं के कारण इंसुलिन प्रतिरोध से पीड़ित होते हैं।
मिथक 4- एक डायबिटिक व्यक्ति को चावल नहीं खाना चाहिए
आमतौर पर मधुमेह की रोगियों को कहा जाता है अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाने से शुगर की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है आम तौर पर भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाती है। कुछ दालों और चपातियों, सलाद, के साथ, मध्यम मात्रा में चावल का सेवन किया जा सकता है।
मिथक 5- मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति भी मधुमेह से पीड़ित होगा
यह बिलकुल भी सही नहीं है। मधुमेह रक्त शर्करा-इंसुलिन में असंतुलन और जीवन शैली खान पान में लापरवाही तथा कई कारकों के कारण होता है। मोटापा प्री-डायबिटिक स्टेज का एक कारक हो सकता है, लेकिन इसे कई तरह की जीवनशैली में सुधार, संतुलित आहार, योग और नियमित व्यायाम द्वारा कण्ट्रोल किया जा सकता है।