कान का दर्द के कुछ प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार। ear pain ke gharelu upay
सर्दी लगने, कान में कोई चीज पानी गिरा दी प्रवेश कर जाने चोट लगने कान के भीतर मैल जम जाने कान में फुंसी निकल आने या फिर कान को बार-बार सलाई से कुरेदने के कारण कान में दर्द होने लगता है। कई बार वायुयान में सफर करने के साथ ही कान में दर्द शुरू हो जाता है।
आइए जानते हैं कान के कुछ घरेलू एंड प्रकृतिक उपचार।
- कान में पीड़ा होने की हालत में नीम का तेल तेल या शप्त गुण तेल का प्रयोग करना चाहिए।
- कान में यदि सायं सायं की आवाज आती है तो चार-पांच बूंदे तुलसी के पत्तों का अर्थ या रस डालें इसके साथ ही एक चम्मच पिसी हुई सोंठ 25 ग्राम गुड़ का सेवन भी करें।
- कान में यदि कीड़ा प्रवेश कर जाए तो सरसों को तेल गुनगुना करके डालें कीड़ा बाहर आ जाएगा।
- कान में यदि मवाद बाहर आता है तो बिछिया का ताजा मूत्र डालें।
- तुलसी की पत्तियों का रस कपूर मिलाकर कान में डालने से दर्द दूर हो जाता है।
- काम यदि सूक्ष्म कीड़ा प्रवेश कर जाए तो पुदीने का रस डालें।
- नीम के पानी से कान धोने से कान का घाव भर जाता है।
कान के दर्द के कुछ आयुर्वेदिक उपचार
- थोड़ी सी हल्दी को सरसों के तेल में डालकर तेल को खूब पकाएं फिर कपड़े से छानकर रख लें, इस तेल को कान में बूंद-बूंद करके डालें इससे कान का दर्द, पीब बहना, पानी निकलना, खुजली खुशकी आदि खत्म हो जाएगी।
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